पाठ्यक्रम
गुरुकुल विद्यापीठ के विद्यार्थियों के लिये सद्गुरुदेव जी महाराज के कुशल निर्देशन में इस प्रकार से तैयार किया गया, जिससे प्राचीन सांस्कृतिक ज्ञान देने के साथ-साथ अर्वाचीन आधुनिक चुनौतियों का सामना करने के लिये उनका शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक एवं आध्यात्मिक विकास सुनिश्चित हो सके।
विद्यार्थियों के आईक्यू, ईक्यू, एस क्यू व एक्यू स्तरों का पूरा ध्यान रखते हुए उन्हें वेद, उपनिषद्, भगवद्गीता, रामायण वं अन्य ग्रन्थों के ज्ञान साथ-साथ शिक्षा संस्थाओं एवं विश्व विद्यालय द्वारा निश्चित पाठ्यक्रमानुसार शिक्षा दी जाती है। छटी से आठवीं की कक्षाएं डॉ. गोस्वामी गिरधारी लाल शास्त्री प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान, झण्डेवालान, नई दिल्ली से संबद्ध है और विद्यार्थियों को एन.सी.इ.आर.टी. की पुस्तकों के अनुकूल निम्नलिखित विषयों में शिक्षा दी जाती है।
हिन्दी
गणित
विज्ञान
सामाजिक विज्ञान
अंग्रेजी
साहित्य
इतिहास
भारतीय इतिहास एवं व्याकरण
नौवीं से बारहवीं तक कक्षाएं सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी, उत्तर प्रदेश से संबद्ध हैं। विद्यार्थियों को निम्नलिखित विषय पढ़ाए जाते हैं।
साहित्य
व्याकरण
अंग्रेजी (ऐच्छिक व अनिवार्य)
संपूर्णानंद विश्व विद्यालय में परीक्षाओं में कभी भी कोई छात्र अनुत्तीर्ण नहीं हुआ है सभी अच्छे अंकों से उत्तीर्ण हुये हैं।
दिनचर्याः-
गुरुकुल में विद्यार्थियों की एक नियमित दिनचर्या है जिसके अन्तर्गत
प्रातः 4.30 पर जागरण
5.15 पर योगासन प्राणायाम
6.45 से यज्ञ
8.20 से 2.30 तक सैद्धांतिक पठन पाठन
3.30 से 5.30 तक जूडो कराटे संगीत आदि
5.30 से 6.30 तक खेलकूद
खेलकूद 6.30 से 7.30 तक संध्यावंदन एवं आरती
8.30 से 10.00 बजे रात्रि भोजन , भ्रमण एवं स्वाध्याय
10.00 pm - रात्रि प्रार्थना के बाद शयन।
भ्रमण एवं अतिरिक्त शैक्षणिक गतिविधियाँ
गुरुकुल के विद्यार्थियों के सर्वागार्णीय विकास के लिये उन्हें समय-समय पर तीर्थ स्थलों, ऐतिहासिक स्थानों का भ्रमण भी जैसे हरिद्वार ऋषिकेश, मथुरा, वृंदावन, आगरा आदि पवित्र स्थानों का अनेकोंबार भ्रमण कराया गया है। साल में एक दो बार विद्यार्थियों को दिल्ली के ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक, धार्मिक स्थलों व विज्ञान केन्द्रों को दिखाने के लिये संस्था ले जाती है।